GUDDU MUNERI

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जादुई कंचे

गुड्डू : द सुपर हीरो की कहानी 

[ जादूई कंचे ] 

पार्ट (14)


Recap......... 


   उधर हुकाला को देख रही भीड़ ने हुकाला को पहचान लिया था यह तो वही हुकाला है जिसने अपना रूप बदलकर गुड्डू की धुनाई कर दी थी । कुछ ने कहा कि इसकी तो वीडियो हमने सुबह ही देखी थी जो आजकल इंटरनेट पर वायरल है । लगता है पुलिस इसके आगे झुक जाएगी ।

ये हुकाला नही मानेगा। 

नीचे पुलिस ने माइक का इंतजाम कर हुकाला से संपर्क साध लिया था ............


अब आगे ...........✍️


      लेकिन हुकाला अपनी डिमांड पर अड़ा हुआ था लूटा हुआ माल और दो करोड़ चाहिए तो चाहिए ।

      इधर गुड्डू अपनी सुपर टीम को हुकाला को पकड़ने के लिए अपना आदेश जारी करता है ।


पिंटू तुम जल्द ही एक लंबी सी सीढ़ी लेकर निर्माणधीन बिल्डिंग के दूसरे रास्ते की ओर लगाओ याद रहे हुकाला ना देख पाए और सीढ़ी लगाकर भीड़ में सब को शांत रखने का काम करो ।


अलबेला तुम भी भीड़ में जाकर मेन दरवाजे के पास खड़े रहना ।


निशा के पिता जी आप हुकाला को दो करोड़ रुपए देने का एलान करके दो सूटकेस अंदर लेकर जाओगे लेकिन बैग में सिर्फ कागज होंगे ।


गुड़िया तुम्हारे साथ जायेगी ।


और याद रहे मेरे ऊपर पहुंचने से पहले नीचे से कोई ऊपर नही आयेगा नही तो निशा को खतरा हो सकता है ।


ठीक है चलो , सभी अपने अपने नियम अनुसार 

पिंटू एक लंबी सी सीढ़ी पीछे गली के रास्ते से लाकर उस निर्माणधीन बिल्डिंग के दूसरे रास्ते की तरफ चुपके से लगा  कर भीड़ में शामिल हो गया ।


अलबेला बिल्डिंग के मेन दरवाजे के पास जाकर खड़ा हो गया ।

कुछ ही देर में निशा के पिताजी और गुड़िया दो सूटकेस ले आए जिसमे सिर्फ स्कूल की किताबे और न्यूज पेपर थे । 

और भीड़ में जाकर पुलिस हेड अफसर को सारी बात बताई 

और हुकाला को अनाउंसमेंट करा दिया कि तुम्हारी मांगे मंजूर कर ली गई ।

तभी गुड्डू भी चला आया पुलिस हेड अफसर को एक मिनट का इशारा करके दोनो को अंदर भेज देना कहकर गुड्डू पीछे दूसरे रास्ते के पास लगी सीढ़ी पर चढ़ने चला गया । 

     उधर उपर बिल्डिंग से हुकाला अनाउंसमेंट  सुनकर बहुत खुश हुआ । 

    हुकाला ने दो करोड़ रुपए लाने के लिए निशा के पिता और गुड़िया को निर्माणधीन बिल्डिंग में अकेले आने को कहा । 

गुड़िया और निशा के पिता दोनो अकेले एक एक सूटकेस लेकर बिल्डिंग के अंदर चले गए  ।

     गुड्डू अब निर्माणधीन बिल्डिंग की पहली मंजिल पर पहुंच चुका था और धीरे धीरे दबे पांव उपर मंजिल पर पहुंच गया और रास्ते के पीछे बने एक पिलर के पीछे छुपकर देखने लगा जहां हुकाला ने निशा को बांधा हुआ था ।

हुकाला निशा के पिता और गुड़िया के द्वारा लाए जा रहे दो करोड़ रुपए का इंतजार कर रहा था । 

    बिल्डिंग की सीढ़ियों से चढ़ते हुए निशा के पिता और गुड़िया जब ऊपर पहुंचे तो उन्होंने देखा पिलर के पीछे गुड्डू छुपकर हुकाला पर नजर रखे हुआ था इससे पहले वह कोई आवाज करते गुड्डू ने देख लिया और उन्हें मुंह पर उंगली रखकर चुप रहने का इशारा किया । 

  और फिर निशा के पिता और गुड़िया सूटकेस लेकर हुकाला के पास पहुंचे हुकाला देखकर खुश हुआ ।

     रस्सियों से बंधी निशा को देखकर निशा पिता ने हुकाला से गुहार लगाई कि तुम्हे तुम्हारे रुपए मिल गए इसमें मेरी बेटी का कोई कसूर नहीं , अब मेरी बेटी निशा को छोड़ दो ।

   तुम्हारी लड़ाई पुलिस और उस गुड्डू से है , छोड़ दो उसे 

हुकाला ने कहा कि पहले मेरा माल वापस कराओ जो पुलिस ने मेरे अड्डे से कब्जे मे लिया था ।

निशा के पिता ने कहा कि अभी अभी मैं नीचे हेड पुलिस अफसर से बात करके ही तुम्हारे पैसे लेकर आया हूं तुम्हारा माल ट्रक में भरवाकर तुम्हारे अड्डे पर भेज दिया गया है ।

" झूठ तो नही बोल रहे हो "  हुकाला ने कहा ।

निशा के पिता ने कहा -" अभी तुमने सुना नही पुलिस ने क्या कहा तुम्हारी मांगे मान ली है" 

     खुश होकर हुकाला ने दोनो सूटकेस को बिना खोले वजन से अंदाजा लगाया कि हां पैसे तो होंगे ही और निशा की रस्सियां खोलकर उसे छोड़ दिया ।

   निशा रस्सियों से आजाद होकर अपने पिता और गुड़िया से का लिपटी और तीनों दोबारा उसी जीने से वापस जाने लगे 

गुड्डू की देखते हुए चुपचाप तीनो सीढ़ियों में उतरकर जाने लगे ।

गुड्डू इधर छुपकर देखता रहा और तीनों के नीचे पहुंचने का इंतजार करने लगा ।

  निशा की पिता , निशा , और गुड़िया को नीचे जाते हुए रास्ते में अलबेला और पिंटू भी ऊपर आते हुए दिखाई दिए 

दोनो ने शुक्रिया कहा और उन्हे जल्द ही यहां से घर जाने को कहकर ऊपर आने लगे ।

   ऊपर हुकाला उनके सीढ़ियों से जाते ही सूटकेस खोल लिया देखा उसमे तो स्कूल की किताबे और न्यूज पेपर है, देखते ही हुकाला चिल्लाया- " धोखा " 

    हुकाला ने देखते ही चाकू हाथ में लिए सीढ़ियों की तरफ दौड़ लगाई लेकिन तुरंत गुड्डू ने उसका रास्ता रोक लिया । 

    हुकाला ने जिद की कि गुड्डू हट जाओ मेरे रास्ते से नही तो मारे जाओगे हुकाला ने गुड्डू को चाकू दिखाते हुए कहा ।

 तभी अलबेला और पिंटू भी ऊपर आ गए ।

    पिंटू ने तुरंत हुकाला को रुक जाने को कहा और अलबेला ने भी ।

गुड्डू , पिंटू और अलबेला तीनो अब हुकाला की और बड़ रहे थे हुकाला बार बार चाकू दिखाता लेकिन डर कर पीछे हो जाता लेकिन कितना पीछे होता उसकी नजर उड़ते हुए एक काले कोआ पर पड़ गई और तुरंत ही उसने अपना जादूई तब्दीली कंचा निकाला और कोआ तब्दीली बोलकर तुरंत कोए की तब्दीली लेकर उड़ता चला गया 

इधर तीनो देखकर हैरान तो हुए लेकिन गुड्डू ने भी तुरंत अपना जादूई रफ्तार कंचा निकाला और वहीं ऊपर बिल्डिंग पर भागते हुए उड़न रफ्तार बोला और फिर उस हुकाला के पीछे उड़ गया । 

अब जिधर हुकाला उस कोए के रूप में जा रहा था उधर ही गुड्डू भी अपनी रफ्तार से जा रहा था ।

कभी इस बिल्डिंग की और घूमता कभी किसी बिल्डिंग की ओर घूमता हुआ एक दूसरी निर्माणधीन बिल्डिंग के दूसरे फ्लोर के पास एक छोटे पाइप की जगह से अंदर घुस गया जिसमे से गुड्डू अंदर नही आ सकता था । 

  गुड्डू ने अपने अपनी रफ्तार कम की और उस बिल्डिंग के दूसरे फ्लोर पर उतर गया ।

      इधर नीचे जब निशा के पिता, निशा और गुड़िया उस बिल्डिंग से बाहर आए तो पुलिस ने सभी को रास्ता दिया आप घर जाए और भीड़ को अपने अपने घर भेज कर चल दिए ।

ऊपर से अलबेला और पिंटू ने देख लिया कि दोनो वो सामने आगे एक और निर्माणधीन बिल्डिंग के पास उतरे है ।

" चलो हम वहां चलते है"  सीढ़ियों से उतरते हुए पिंटू ने अलबेला से कहा । 

     उधर गुड्डू इंतजार में था कब हुकाला उस पाइप से बाहर निकले और हुकाला अंदर बैठा सोच रहा था अब कैसे बाहर निकला जाए । 

गुड्डू उस पाइप के ठीक सामने खड़ा था उसने उस पाइप में हाथ डालकर हुकाला को पकड़ना चाहा लेकिन हुकाला उस कोए के रूप था आसानी से और अंदर हो गया । 

वह गुड्डू के हाथ नही आया ।

गुड्डू ने कोई डंडा ढूंढना चाहा, डंडा दिख गया लेकिन थोड़ा दूर पड़ा था ।

गुड्डू उसे उठाने गया तुरंत ही हुकाला बाहर आकर अपने असली रूप में आ गया और गुड्डू ने जैसे ही उस डंडे को उठाने के लिए गुड्डू ने कमर झुकाई , हुकाला ने गुड्डू की कमर के पास एक लात दी । गुड्डू डंडा उठाने के बजाए आगे जाकर गिरा । 

" अच्छा तो तुम आ ही गए मेरे पीछे , अब कोई नही है,  अब गुड्डू ! तुम नही बचोगे " 

ऐसा कहते हुए हुकाला ने गुड्डू को एक मुक्का मारना चाहा लेकिन गुड्डू ने रोक लिया और गुड्डू ने दो चार मुक्के एक साथ हुकाला में दे मारे जिससे हुकाला वहां रखे कुछ गत्ते के डब्बे पर जा गिरा जहां पर कुछ कुर्सियां और हथौड़ी औजार वगेरा पड़े हुए थे ।

   इधर नीचे पिंटू और अलबेला ने देखा वह दोनो एक बिल्डिंग में  ऊपर किसी दूसरे फ्लोर पर  लड़ रहे थे वह भाग कर ऊपर पहुंचे जहां हुकाला और गुड्डू दोनों एक दूसरे को मुक्का बाजी कर रहे थे । 

लेकिन पिंटू ने आते ही मोर्चा संभाल लिया पिंटू ने तुरत ताकती जादूई कंचे से ताकत ली और हुकाला पर बरस पड़ा एक एक मुक्के में कभी इस दीवार पर जाता कभी उस दीवार पर जाता तभी हुकाला ने मौका देखकर वहां पड़े गत्ते के डिब्बों के रूप में तब्दीली ले ली और वह दिखाई नही दे रहा था सब डिब्बे एक जैसे थे लेकिन हुकाला देख सकता था ।

    गुड्डू ने तुरंत अलबेला को एक कुर्सी पर बैठाया और अलबेला को उसके काम के बारे में बताया । अलबेला तुरंत अपने जादूई इल्मी कंचे से हुकाला का इल्म हासिल किया और वह स्क्रीन में एक गत्ते का बॉक्स बना हुआ दिखाई दे रहा था अलबेला ने तुरंत इशारा किया और गुड्डू ने उसे पकड़ कर  फर्श पर दे मारा जिससे हुकाला अपने रूप में आकर अपनी कमर को मसलते हुए दिखाई दिया ।

तभी पिंटू ने एक और मुक्का जड़ दिया हुकाला एक खिड़की से खाली रूम के अंदर जा गिरा जहां कुछ औजार हथौड़ी पड़े थे हुकाला ने अब बचना सही समझा वह हथौड़ी में तब्दीली लेकर पड़ा रहा लेकिन अब गुड्डू ने हार कहां माननी थी अलबेला ने तुरंत स्क्रीन में देखा हुकाला तो हथौड़ी बना हुआ पड़ा है वो देखो का इशारा कर दिया ।

तब गुड्डू ने उसे जाकर उस हथौड़ी को फर्श पर बजाया जिससे हुकाला को चोट महसूस हो रही थी ।

और फिर हुकाला अपनी हार पर आ गया और गुड्डू और पिंटू की मार खाने के बाद माफी मांगने लगा ।

     " मुझे छोड़ दो गुड्डू ,  मुझे माफ कर दो " 

पिंटू मुझसे गलती हो गई कहते हुए धीरे धीरे हुकाला अलबेला के पास पहुंचा गया ।

पिंटू और गुड्डू ने समझा कि वह अलबेला से माफी मांगेगा लेकिन  हुकाला, अलबेला के पास पहुंचा और कुर्सी में तब्दीली लेकर अलबेला को जकड़ लिया अब नही छोडूंगा 

हट जाओ मेरे रास्ते से नही तो इसे यही खतम कर दूंगा ।

हुकाला ने अलबेला की गर्दन पर चाकू लगा दिया था ।

      उसकी यह चालाकी देखकर गुड्डू और पिंटू भी डर गए और फिर हुकाला चाकू की नोक पर अलबेला को छज्जे पर ले गया और बोला कि अगर तुम दोनो (पिंटू और गुड्डू ) ने मेरा रास्ता नहीं छोड़ा तो तुम्हारा ये अलबेला मारा जायेगा ।

" नीचे गिरा दूंगा " " वहीं रुक जाओ " नही तो गर्दन भी उड़ा दूंगा ।

पिंटू और गुड्डू सतर्क होकर वहीं रुक गए वरना हुकाला अलबेला को नीचे धक्का दे देता या चाकू मार देता ।

गुड्डू ने पिंटू को इशारा किया कि हुकाला को बातो में उलझाए 

और पिंटू ने कुंग-फू कराटे दिखाए जिसे देखकर हुकाला बोला मुझे ये नौटंकी न दिखाओ और हट जाओ मेरे रास्ते से ।

पिंटू ने फिर रुक कर एक नाच नाच ढिंका चिका धिंकांचिका ,

हुकाला फिर बोला पिंटू तुम ऐसे नही मानोगे ।

   इतने से डरामे में गुड्डू ने तुरंत ही पर्दा जादूई कंचे का इस्तेमाल  कर गायब हो गया । 

और जैसे ही हुकाला ने अलबेला को धक्का देने की सोची गुड्डू ने एक लात उसके बगल में मारी और अलबेला का हाथ पकड़ लिया जिससे अलबेला तो बच गया लेकिन हुकाला नीचे गिरा और एक मोटा सरिया बीम में से निकल रहा था उसमे कंधे के कपड़ो से जा लटका ।

गनीमत थी कि हुकाला बच गया लेकिन वह उस खूंटे जैसे सरिए पर लटका रहा । 

ऊपर से जब गुड्डू ने देखा हुकाला अभी भी बच गया । 

और उसकी कमर पर लगी जादूई कंचें की शीशी में वो तब्दीली जादूई कंचा दिखाई दें रहा था ...........




आज के लिए इतना ही शुक्रिया ✍️ 

लेखक : गुड्डू मुनीरी सिकंदराबादी 

  

क्या गुड्डू उस तब्दीली कंचे को हुकाला से छुड़ा पाएगा ।

आने वाला पार्ट (15) जरूर पढ़े ।

सस्पेंस को बरकरार रखते हुए ।

 गुड्डू : द सुपर हीरो " जादूई कंचे की कहानी " 













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4 Comments

Shnaya

21-Feb-2024 01:15 PM

Nice one

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Varsha_Upadhyay

20-Feb-2024 06:11 PM

Nice

Reply

Mohammed urooj khan

20-Feb-2024 12:16 PM

👌🏾👌🏾👌🏾

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